परछाँई ने अपना तांडव करना शुरु कर दिया । परछाँई इच्छाधारी थी , वो किसी भी रुप में आ सकती थी । परछाँई ने अपना तांडव करना शुरु कर दिया । परछाँई इच्छाधारी थी , वो किसी भी रुप मे...
वह मन ही मन सोचता है, अब वह रूप बदलकर किसी भी दुश्मन के अड्डे पर जा सकता है वह मन ही मन सोचता है, अब वह रूप बदलकर किसी भी दुश्मन के अड्डे पर जा सकता है